Hanuman Janjira Mantra

हनुमान सनातन संस्कृति में संकटमोचक देवता है हनुमान जी का नाम मात्र लेने से डर और चिंता का निवारण हो जाता है लेकिन फिर भी अति संकट आने पर हनुमान चालिसा को सबसे प्रभावशाली मंत्र माना जाता है

हनुमान चालिसा के अतिरिक्त हनुमान जी की पूजा अर्चना के लिए बहुत सारे मंत्र और पाठ है इन मन्त्रों का जाप करने से हनुमान जी हमारी प्रार्थना शीघ्र स्वीकार करते है और हमारे कष्टों का निवारण करते है.

“हनुमान जंजीरा” नामक हनुमान जी का एक शक्तिशाली मंत्र है जिसके बारे में हम आपको यहाँ बताने जा रहे है.

यह मंत्र आसान और शक्तिशाली है

।। श्री हनुमान जंजीरा मंत्र ।।


ॐ हनुमान पहलवान पहलवान ।

बरस बारह का जबान ।।

हाथ में लड्डू मुख में पान ।

खेल खेल गढ़ लंका के चौगान ।।

अंजनी का पूत , राम का दूत ।

छिन में कीलौ , नौ खंड का भूत ।।

जाग जाग हड़मान हुंकाला ।

ताती लोहा लंकाला ।।

शीश जटा डग डेरू उमर गाजे ।

वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला ।।

आगे अर्जुन पीछे भीम ।

चोर नार चंपे ने सींण ।।

अजरा झरे भरया भरे ।

ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचन्द्र जी लक्ष्मण कुवँर हड़मान करें।



हनुमान जंजीरा पाठ करने के नियम 

 जंजीरा करने से पहले उसके नियमों को ध्यान में रखना अत्यंत आवश्यक है।

१- इसका जाप किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

२- इस मंत्र का जाप आपत्तिकाल में किया जाना चाहिए।

३- यह एक शाबर मंत्र है जो तुरंत असर करता है । अतः इसका जाप सोच समझ के ही करें।

४- मंत्र की परीक्षा लेने के उघेश्य से यह मंत्र न करें।

५- यदि साधक हनुमान जी से संबंधित सभी नियमों का पालन नहीं करता है तो वह यह जाप न करें ।

६- यदि साधक सात्विक नहीं है तो जाप न करें।

७- किसी भी गलत भावना से प्रेरित होकर इस मंत्र का जाप न करें । अन्यथा समस्या पैदा हो सकती है।

८- मंत्र का उच्चारण गलत न करें।

९- पूजा में किसी भी प्रकार की त्रुटि करने से बचें ।

१०- अगर आप गृहस्थ जीवन में है तो किसी योग्य गुरु का मार्गदर्शन अवश्य ले।

अतः ये सभी सावधानियों है जो किसी भी साधक को हनुमान जंजीरा मंत्र के जाप करने से पहले ध्यान रखना चाहिए।


 हनुमान जंजीरा के पाठ से लाभ

इस मंत्र का जाप करने से साधक की सभी तरह से रक्षा होती है। इस मंत्र के प्रभाव से सभी प्रकार की ऊपरी बाधाएं जैसे भूत प्रेत, पिशाच , डाकीनी, शाकिनी आदि सभी प्रकार की समस्याएं तुरंत खत्म हो जाती है |

इस मंत्र के सिद्ध हो जाने से साधक स्वयं के साथ दुसरो को भी इसका लाभ पहुंचा सकता है।

यह एक शाबर मंत्र है जो तुरंत असर करता है । मंत्र की परीक्षा लेने के उघेश्य से यह मंत्र का प्रयोग न करें। किसी भी गलत भावना से प्रेरित होकर इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए इस मंत्र का उच्चारण सही ढंग से और शुद्ध भावना से करना चाहिए यह रक्षा मंत्र है और आप हनुमान जी से अपनी रक्षा की प्रार्थना अपने आपको हनुमान जी की सेवा में समर्पण भाव से करें  इसका लाभ आपको अवश्य मिलेगा


 


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