जलियांवाला बाग हत्याकांड कब हुआ था

जलियांवाला बाग हत्याकांड 13 अप्रैल 1919 को हुई थी। रोलेट एक्ट के विरोध में देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहा था। इन्हीं विरोधों को दबाने के क्रम में अंग्रेज सरकार ने पंजाब के लोकप्रिय नेता डॉक्टर सैफुद्दीन किचलू एवं डॉक्टर सत्यपाल को गिरफ्तार कर लिया था। इन्हीं दोनों नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सभा का आयोजन किया गया था।

जलियांवाला बाग चारों तरफ से मकानों से घिरा हुआ था निकलने के लिए केवल एक ही रास्ता था।जनरल डायर ने निहत्थे मासूम भीड़ पर गोली चलाने का आदेश दे दिया और कई लोगों की मौत हो गई। इस हत्याकांड से देश दहल उठा और राष्ट्रीय आंदोलन की दिशा बदल गई।इस हत्याकांड से बढ़ते जन असंतोष के कारण अंग्रेज सरकार ने हंटर आयोग के नाम से एक जांच समिति का गठन किया जिसका अध्यक्ष लार्ड हंटर था।हंटर आयोग की रिपोर्ट ने जनरल डायर के कृत्य को वैध बताया।

जनरल डायर को अंग्रेजी सरकार ने तो बचा लिया लेकिन शीघ्र ही उसे उसके कृत्यों की सजा मिली। उधम सिंह नामक एक साहसी क्रांतिकारी ने लंदन में 13 मार्च 1940 को जनरल डायर की गोली मारकर हत्या कर दी। उधम सिंह अमेरिका में गदर पार्टी से जुड़े हुए थे।

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