काकोरी कांड कब हुआ था
काकोरी कांड की घटना 9 अगस्त 1925 को हुई थी। सहारनपुर से लखनऊ जा रही रेलगाड़ी पर डकैती करके सरकारी खजाने को काकोरी के निकट लखनऊ में क्रांतिकारियों द्वारा लूट लिया गया। यही घटना काकोरी कांड के नाम से विख्यात है। काकोरी कांड के षड्यंत्र के आरोप में 29 क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 4 क्रांतिकारियों राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, रोशन लाल और राजेंद्र लाहिड़ी को फांसी दे दी गई।
अशफाक उल्ला खां को भारतीय स्वाधीनता संग्राम में फांसी पर लटकने वाला पहला मुस्लिम माना जाता है। काकोरी कांड में शामिल क्रांतिकारी हिंदुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन से जुड़े हुए थे जिसकी स्थापना अक्टूबर 1924 में सचिंद्रनाथ सान्याल, राम प्रसाद बिस्मिल और चंद्रशेखर आजाद ने कानपुर में की थी।1928 में चंद्रशेखर आजाद ने इसका नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन कर दिया।