कण्व वंश का संस्थापक कौन था ?
कण्व वंश का संस्थापक वासुदेव था. शुंग वंश के अंतिम सम्राट देवभूति की हत्या के बाद 75 ई. पूर्व में मगध में कण्व वंश की स्थापना हुई। कण्व वंश में चार शासक हुए वसुदेव, भूमिमित्र, नारायण और सुशर्मन। इन्होंने 30 ईसा पूर्व तक राज्य किया। इस वंश को आंध्र सातवाहनों ने समाप्त किया। पुराणों में आंध्र सातवाहन को आंध्र भृत्य कहा गया है।
जिससे यह अनुमान लगाया जाता है कि प्रारंभ में सातवाहन वंश के लोग आंध्र प्रदेश के राजाओं के यहां सेवक का कार्य करते रहे होंगे। भृत्य का अर्थ होता है सेवक या नौकर।
इस बात का स्पष्ट प्रमाण नहीं मिलता कि आंध्र सातवाहनों ने मगध पर राज्य किया हो क्योंकि आंध्र सात वाहनों की सत्ता का केंद्र आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के पास का क्षेत्र था। माना जाता है कि मौर्य साम्राज्य के पतन के बाद इन्होंने उत्तर में अपने राज्य का विस्तार मगध तक किया हो।जैसा कि हमें ज्ञात है मौर्य साम्राज्य का जितना विस्तार था उतना विस्तार परवर्ती शासकों का नहीं रह गया था।