सन्निधाता का क्या अर्थ है
सन्निधाता से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जो मौर्य काल में राजकोष का अध्यक्ष होता था .
मौर्य काल में कारागार के अध्यक्ष को प्रशास्ता कहा जाता था।
मौर्य काल में प्रमुख न्यायाधीश को व्यवहारिक कहा जाता था।
राजकीय द्वार रक्षक को दौवारिक कहा जाता था।
मेगस्थनीज ने एग्रोनोमाई शब्द का प्रयोग मार्ग निर्माण अधिकारी के लिए किया है।
सोमरस आर्यों का एक प्रमुख पेय पदार्थ था जो पौधों से प्राप्त होता था।
वैदिक काल में इंद्र को युद्ध एवं वर्षा का देवता माना गया।
अग्निदेव देवता और मनुष्य के बीच मध्यस्थ के रूप में माने गए हैं।
वरुण देवता को पृथ्वी और सूर्य का निर्माता, विश्व का नियामक, ऋतु परिवर्तन तथा दिन रात करने वाले के रूप में मान्यता प्राप्त है।
वैदिक काल में सोम वनस्पति देवता थे।
वैदिक काल में द्यौ को आकाश देवता के रूप में मान्यता प्राप्त हैं। वैदिक काल के यह सबसे प्राचीन देवता है।
पूषन पशुओं के देवता हैं।
वैदिक काल में मरुत को वायु देवता के रूप में मान्यता मिला है। मरुत का अर्थ है वायु और उसी से बना है मारुति जो हनुमान के लिए प्रयोग किया जाता है। मारुति अर्थात मरुत का पुत्र जिन्हें हम पवन पुत्र भी कहते।
आश्विन विपत्तियों का हरण करने वाले देवता है।
वैदिक काल में जीवन भर अविवाहित रहने वाली महिलाओं को अमाजू कहा जाता था।
आर्यों द्वारा अंदर पहनने वाले कपड़े को नीवि कहा जाता था।
आर्यों की भाषा संस्कृत थी। संस्कृत दुनिया की सबसे वैज्ञानिक भाषा मानी जाती है। संस्कृत देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
वैदिक काल में गोचर भूमि का अधिकारी वाजपति होता था।
जर्मन विद्वान मैक्समूलर के अनुसार आर्यों का मूल निवास स्थान मध्य एशिया है।
लोकमान्य तिलक के अनुसार आर्य उत्तरी ध्रुव से भारत आए थे।
गविष्टि शब्द से तात्पर्य है गायों की खोज।
रामायण और महाभारत संस्कृत में लिखे गए दो प्राचीन महाकाव्य हैं।
महाभारत का प्राचीन नाम जयसंहिता है। रामायण को चतुर्विंशतिसहस्रसंहिता भी कहा जाता है। रामायण में 24 हजार श्लोक हैं जबकि महाभारत में एक लाख से अधिक श्लोक हैं।
ऋग्वेद में सरस्वती को सबसे महत्वपूर्ण नदी माना गया है।
ऋग्वेद में गंगा नदी का उल्लेख केवल एक बार हुआ है और यमुना नदी का नाम तीन बार आया है।
ऋग्वेद में सिंधु नदी का उल्लेख सबसे अधिक बार हुआ है।
नदियों के उल्लेख के आधार पर यह प्रमाणित होता है कि सिंधु नदी के पास आर्य सर्वप्रथम बसे थे।यह सामान्य रूप में देखा जाता है कि जिससे हमें ज्यादा लाभ होता है हम उसका उतना ही अधिक गुणगान करते हैं। इतिहासकारों का मानना है कि आर्य सर्वप्रथम पंजाब और अफगानिस्तान में बसे थे और सिंधु इस क्षेत्र की सबसे बड़ी नदी है। सिंधु नदी के आसपास ही हड़प्पा सभ्यता के सर्वाधिक स्थल खोजे गए हैं।
वैदिक काल में सभा एवं समिति राजा को सलाह देने वाली दो संस्थाएं थी। सभा श्रेष्ठ एवं संभ्रांत लोगों की संस्था थी जबकि समिति सामान्य जनता का प्रतिनिधित्व करती थी। सभा के अध्यक्ष को ईशान कहा जाता था।
गंडक नदी का प्राचीन नाम सदानीरा है।
गोमती नदी का प्राचीन नाम गोमल है। गोमती नदी का उद्गम बहराइच जिले में स्थित फुलहर झील से होता है। गाजीपुर में गोमती, गंगा नदी से मिल जाती है।
रावी नदी का प्राचीन नाम परुषणी है।
सतलज नदी का प्राचीन नाम शतुद्रि है।
काबुल नदी का प्राचीन नाम कुभा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल, काबुल नदी के किनारे बसा है।
झेलम नदी का पुराना नाम वितस्तता है।
व्यास नदी का प्राचीन नाम विपाशा है।
चिनाब नदी का प्राचीन नाम आस्किनी है।
सत्यमेव जयते मुंडकोपनिषद से लिया गया है।
उत्तर वैदिक काल में निष्क और सतमान मुद्रा की इकाइयां थी।
राजसूय यज्ञ का उल्लेख उत्तर वैदिक काल से प्राप्त होता है। राज्याभिषेक के समय राजसूय यज्ञ का अनुष्ठान किया जाता था।
ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्ववेद नामक चार वेद हैं।
ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद एवं अथर्ववेद सबसे नवीन वेद है।
सामवेद को संगीत का जनक माना जाता है।
उपनिषदों की कुल संख्या 108 है।
पुराणों की संख्या 18 है।
शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त छंद तथा ज्योतिष नामक छः वेदांग है।