विलय का सिद्धांत किसने लागू किया

विलय का सिद्धांत (doctrine of lapse) लागू करने वाला लॉर्ड डलहौजी था  जिसके अनुसार यदि कोई भारतीय राजा बिना किसी स्वाभाविक उत्तराधिकारी के मर जाता है तो उसका राज्य ब्रिटिश शासन में मिला लिया जाएगा।   लॉर्ड डलहौजी 1848 में भारत का गवर्नर जनरल बना। उसने प्रारंभ से ही इस बात पर ज्यादा जोर दिया कि अधिक से अधिक भारतीय इलाके को प्रत्यक्ष ब्रिटिश शासन के अंतर्गत लाया जाए।

मरे हुए राजा के दत्तक पुत्र को राज्य नहीं दिया जाएगा। डलहौजी की हड़प सिद्धांत का पहला शिकार सतारा हुआ जिसको 1848 में ब्रिटिश साम्राज्य में मिला लिया गया।डलहौजी ने कई नवाबों की उपाधियां छीन ली और उन्हें पेंशन देने से मना कर दिया। पेशवा बाजीराव द्वितीय के मरने पर उनके दत्तक पुत्र नाना साहब को पेंशन देने से मना कर दिया गया।

लॉर्ड डलहौजी ने अवध के नवाब वाजिद अली शाह पर कुशासन का आरोप लगाकर अवध को 1856 में अंग्रेजी साम्राज्य में मिला लिया।लॉर्ड डलहौजी की हड़प नीति कहीं ना कहीं 1857 की क्रांति का एक बड़ा कारण बनी।जिन नवाबों का राज्य हड़प लिया गया था उन्होंने अंग्रेजों से अंतिम लड़ाई लड़ने की ठान ली थी।लॉर्ड डलहौजी के काल की एक प्रमुख घटना है भारत में रेलवे का प्रारंभ होना।

लॉर्ड डलहौजी के समय ही भारत में 16 अप्रैल1853 में मुंबई से थाणे के 34 किमी मार्ग पर पहली बार रेल गाड़ी चली। इस यात्री ट्रेन में 400 लोग बैठे थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *